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“दोनों ही एक-से हैं।” कहकर राजलक्ष्मी भीतर चली गयी। कहती गयी, “काम-काज करे तो कब? हरामजादी छुट्टी दे तब न!” वास्तव में, असह्य हो गया था; इनकी गाली-गलौज और मार-पीट का ...